अनेक घोटालों पर विपक्ष के हमलों से घिरी सरकार ने एक अध्यादेश लाने का फैसला किया है जिसमें प्रधानमंत्री समेत लोक सेवकों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए एक लोकपाल बनाने की संभावना है।
सूत्रों ने कहा कि सरकार 25 जनवरी से पहले अध्यादेश लाना चाहती है ताकि गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रपति के राष्ट्र के नाम संदेश में इसका उल्लेख हो सके। सूत्रों ने यह भी कहा कि कैबिनेट की गुरुवार को होने वाली बैठक में भी इस पर विचार हो सकता है।
सूत्रों के मुताबिक अध्यादेश का स्वरूप लोकपाल विधेयक से तय किया जाएगा जिस पर विधि मंत्रालय विचार-विमर्श कर रहा है और यह प्रधानमंत्री, मंत्रियों और सांसदों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की शिकायत लोकपाल के समक्ष दर्ज करने के प्रावधान रखेगा।
विधेयक के मुताबिक लोकपाल में एक अध्यक्ष होगा जो कि सुप्रीम कोर्ट का वर्तमान या पूर्व प्रधान न्यायाधीश या न्यायाधीश होगा। इसमें दो सदस्य भी होंगे जो या तो सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश या हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश होंगे।
सरकार का यह कदम ऐसे समय में आ रहा है जब उस पर 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन और राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन में अनियमितताओं समेत अनेक बड़े घोटालों को लेकर विपक्ष का हमला जारी है।