मौज बस आठ से दस लाख कमानेवालों की

हर खासो-आम यही तलाशने में लगा है कि उसे बजट 2012-13 से क्या मिला। कंपनियों और धंधे वालों की बात अपनी जगह है। लेकिन अगर हम नौकरीपेशा लोगों की बात करें तो आयकर के नए प्रावधानों का सबसे ज्यादा फायदा साल भर में आठ से दस लाख कमानेवालों को होगा। बजट में आयकर छूट की सीमा 1.80 लाख रुपए से बढ़ाकर दो लाख रुपए सालाना कर दी गई है। हालांकि संसदीय समिति ने इसे तीन लाख करने की सिफारिश की थी।

नए प्रावधानों के मुताबिक दो लाख रुपए तक की आय पर कोई इनकम टैक्स नहीं लगेगा। उसके बाद दो लाख रुपए से पांच लाख तक की आय पर 10 फीसदी, पांच लाख रुपए से दस लाख रुपए तक की आय पर 20 फीसदी और दस लाख रुपए से ऊपर की आय पर 30 फीसदी की दर से इनकम टैक्स लगेगा।

अभी तक पांच लाख से आठ लाख की सालाना आय वाले को 20 फीसदी और आठ लाख से ऊपर आय वालों को 30 फीसदी टैक्स देना पड़ता है। बजट के नए प्रस्तावों से साल में 1.80 लाख से दो लाख रुपए कमानेवाले 2000 रुपए (3 फीसदी शिक्षा शुल्क ऊपर से) बचा लेंगे। दो से पांच लाख कमानेवाले को कोई फायदा नहीं होगा। उन्हें पहले जितना ही टैक्स देना होगा।

पांच से आठ लाख कमानेवाले को अब भी आय के इस हिस्से पर 20 फीसदी इनकम टैक्स देना पड़ेगा। लेकिन साल में 8,00,001 से लेकर 9,99,999 रुपए कमानेवाले को जहां आय के इस हिस्से पर अभी 30 फीसदी टैक्स देना पड़ता है, वहीं नए वित्त वर्ष में उसे केवल 20 फीसदी टैक्स देना पड़ेगा। इस तरह वे 3 फीसदी शिक्षा शुल्क को अलग हटा दें तो साल भर में 20,000 रुपए का टैक्स बचा सकेंगे।

वित्त मंत्री ने यह भी किया है कि बचत खाते से साल भर में मिलनेवाली 10,000 तक की ब्याज को करमुक्त कर दिया है। मतलब, अब आप आराम से बैंकों के बचत खाते में 2.50 लाख रुपए रखकर निश्चिंत हो सकते हैं क्योंकि उस पर कम से कम चार फीसदी की दर से मिले 10,000 रुपए पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। बैंक अभी तक उस पर टीडीएस काट लेते थे। लेकिन 1 अप्रैल 2012 के बाद वे ऐसा नहीं करेंगे।

इसके अलावा सरकार ने कुछ चुनिंदा सार्वजनिक उपक्रमों को 60,000 करोड़ रुपए तक के टैक्स-फ्री बांड जारी करने की इजाजत दे दी है। इंफ्रास्ट्रक्चर बांडों पर वित्त मंत्री ने अलग से कुछ कहा नहीं है तो माना जा सकता है कि इन बांडों में 20,000 रुपए तक के निवेश पर कर-छूट मिलती रहेगी। बजट में एक और नया प्रावधान यह किया गया है कि अगर आप हेल्थ चेकअप पर साल में 5000 रुपए खर्च करते हैं तो इतनी रकम अपनी करयोग्य आय से घटा सकते हैं। जिन वरिष्‍ठ नागरिकों की कारोबार से कोई आय नहीं है, उन्हें अग्रिम कर भुगतान से छूट देने का प्रस्‍ताव है।

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