तेल नीचे तो बाजार की धार ऊपर को

एक तरफ कच्चे तेल के अंतरराष्ट्रीय मूल्य गिरने की भविष्यवाणी हो रही है। दूसरी तरफ केंद्र सरकार आज ही मंत्रियों के समूह की बैठक के बाद डीजल व रसोई गैस के दाम बढ़ा सकती है। ऐसे माहौल में न जाने कौन-सा आशावाद काम कर गया कि करीब 1.90 लाख करोड़ रुपए के वोल्यूम के साथ बाजार आज बल्ले-बल्ले कर उठा। सेंसेक्स 513.19 अंक (2.89 फीसदी) बढ़कर 18,240.68 और निफ्टी 151.25 अंक (2.84 फीसदी) बढ़त लेकर 5471.25 पर बंद हुआ है।

प्रमुख ब्रोकरेज फर्म सीएलएसए ने आज रिपोर्ट जारी की है कि ब्रेंट तेल का मूल्य घटकर 80 डॉलर प्रति बैरल तक आ जाएगा। हालांकि हमने तो मार्च में ही बता दिया गया था कि कच्चे तेल को 88 डॉलर प्रति बैरल पर आना है। ब्रेंट के 80 डॉलर पर आने का मतलब होगा कि साधारण कच्चे तेल का मूल्य 74 डॉलर पर जाएगा। यह मौजूदा बाजार मूल्य से करीब 20 फीसदी कम है। इससे पेट्रोलियम पदार्थों के मूल्य में भारी कमी की गुंजाइश बन गई है। पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटाई जा सकती है। वैसे, फैसला आज आधी रात से पहले आ ही जाएगा।

सरकार इन कदमों से ओएनजीसी के एफपीओ का माहौल बनाना चाहती है। इससे ओवसोल्ड स्थिति में चल रहे रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) को भी सकारात्मक आवेग मिलना चाहिए। हालांकि बताते हैं कि बाजार के बहुत से ट्रेडरों का टांका मुकेश भाई से जुड़ा हुआ है और यहां-वहां चल रही चर्चाओं के मुताबिक रिलायंस बाजार से पीछे चलेगा या दूसरे शब्दों में कहें तो अंडर-परफॉर्म करेगा। यह रिलायंस में शॉर्ट सौदे होते रहने की खास वजह है।

वैसे, जहां तक मेरे अपनी समझ व भरोसे की बात है तो रिलायंस में बाजार को मात देने का पूरा माद्दा है और वो ऐसा हर हाल में करेगा। हां, ऐसा एकबारगी झटके से नहीं होगा। रिलायंस में तेजी का तूफान अचानक नहीं खड़ा होगा।

निफ्टी का शानदार बढ़त के साथ 5400 से ऊपर पहुंच जाना साबित करता है कि राहत की रैली जारी है। विशेषज्ञ कह रहे थे कि निफ्टी का 5400 को पार करना संभव नहीं है। मगर वो आसानी से ऐसा कर गया। अगले चार दिन रोलओवर में जाएंगे। अगर रोलओवर 5400 से ऊपर खरीद की कॉल के साथ होता है तो निश्चित रूप से हम निफ्टी को 5300 या इससे नीचे बंद होता हुआ देखेंगे।

इसलिए ध्यान रखने की जरूरत है कि अगले चार दिनों में कॉल्स का वोल्यूम क्या रहता है। 5400 और 200 दिनों के मूविंग औसत (डीएमए) के स्तर में भारी अंतर है। इसलिए बहुत ज्यादा चहकने की गुंजाइश बहुत ज्यादा कम है। फिर भी हमें आशावादी बने रहने चाहिए और चुनिंदा शेयरों में निवेश करते रहना चाहिए। बाकी मामलों में अब भी सतर्कता बरतने और हाथ बांधकर रखने की जरूरत है।

निःस्वार्थी बनो। यह उन लोगों के पहला और अंतिम नियम है जो औरों के काम आते हुए खुश रहना चाहते हैं।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होंगे। यह मूलत: सीएनआई रिसर्च का फीस-वाला कॉलम है, जिसे हम यहां मुफ्त में पेश कर रहे हैं)

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