इतिहास के डिग्रीधारी शक्तिकांत दास 11 दिसंबर 2018 को जब से भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर बने हैं, तब से उन्होंने दो खास काम कर डाले। एक, उन्होंने रिजर्व बैंक की स्वायत्तता खत्म तक उसे केंद्र सरकार का दास बना दिया। दो, पहले मौद्रिक नीति अमूमन मंगलवार को आती थी, अब शुक्रवार को आने लगी है। उन्हें मौद्रिक नीति को संभालना कितना आता है, इसका अंदाज़ा इसी से लगा सकते हैं कि सात बार से उन्होंने ब्याज (रेपो) दर को जस का तस 4% के न्यूनतम स्तर पर बनाए रखा है, जबकि थोक मुद्रास्फीति 12.07% और रिटेल मुद्रास्फीति 6.26% पर पहुंच चुकी है। बता दें कि निवेश का बड़ा गहरा रिश्ता ब्याज व मुद्रास्फीति से होता है। अब तथास्तु में आज की कंपनी…
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