पिछले नौ सालों से भरपूर सरकारी संरक्षण में भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की पुरज़ोर कोशिशें हो रही हैं। वैसे, ऐसा कर पाना संभव नहीं दिखता। लेकिन इतने सालों में सरकार ने इतना ज़रूर किया कि भारत के आर्थिक विकास को हिंदू विकास दर पर ज़रूर ला पटका। हमारी अर्थव्यवस्था की विकास दर अक्टूबर-दिसंबर 2022 की तिमाही में मात्र 4.4% रही है। रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर और शिकागो यूनिवर्सिटी में फाइनेंस के प्रोफेसर, रघुराम राजन का कहना है कि यह खतरनाक हद तक हिंदू विकास दर के करीब है। बता दें कि दिल्ली स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स के प्रोफेसर रह चुके प्रमुख अर्थशास्त्री राज कृष्णा ने साल 1982 में सबसे पहले ‘हिंदू विकास दर’ की धारणा पेश की थी जो 3.5% मानी गई। वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही के बाद की 14 तिमाहियों में से नौ तिमाहियों में हमारी विकास दर 4.5% से कम रही है। आगे भी इसके संभलने के आसार नहीं दिख रहे। अब बुधवार की बुद्धि…
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