सेबी ने दस साल बाद देश के निवेशकों का व्यापक सर्वे किया है। इसमें दोनों स्टॉक एक्सचेंज एनएसई व बीएसई और दोनों डिपॉजिटरी संस्थाओं एनएसडीएल व सीडीएसएल के साथ ही म्यूचुअल फंडों का शीर्ष संस्थान एम्फी शामिल रहा। सर्वे का काम बहुराष्ट्रीय मार्केट रिसर्च एजेसी कानतार ने किया। देश के सभी राज्यों व संघशासित क्षेत्रों के करीब 400 शहरों और 1000 गावों के 91,950 घरों के बीच यह सर्वे किया गया। विशद डेटा के गहन विश्लेषण से पता चला कि हमारे 33.72 करोड़ घरों में से 21.30 करोड़ (63.17%) घरों के लोग स्टॉक्स, फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस, म्यूचुअल फंड, वैकल्पिक निवेश फंड (एआईएफ) ईटीएफ, गोल्ड ईटीएफ व बॉन्ड जैसे तमाम निवेश माध्यमों में किसी न किसी को जानते हैं। लेकिन केवल 3.21 करोड़ (9.52%) घरों ने इनमें से किसी में निवेश कर रखा है। सर्वे से निकला चौंकानेवाला तथ्य यह है कि देश के 79.7% परिवारों के लिए रिटर्न से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है अपनी पूंजी को बचाना। 18 से 28 साल तक के 79% युवा भी रिस्क नहीं लेना चाहते। मतलब यह कि इनके पास इतनी पूंजी नहीं कि किसी जोखिम में डाल सकें। काम-धंधा ही नहीं, धन-दौलत नहीं तो कोई निवेश कैसे करे? अब तथास्तु में आज की कंपनी…
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