शेयरों के भावों को कभी दिल पर नहीं लेगे, उनको लेकर भावुक नहीं होंगे, तभी उनके पैटर्न को समझ सकते हैं। देखने की पहली चीज यह है कि किसी शेयर में फिलहाल सटोरियों की कितनी सक्रियता है। यह उसमें डिलीवरी वाले सौदों के प्रतिशत से पता चल जाता है। बीएसई व एनएसई की वेबसाइट हर शाम इसकी जानकारी दे देती है। अगर ऐसे सौदे 60-70% से ज्यादा है तो यह उन्हें खरीदने का पहला सिग्नल है। बाकी सिग्नल आपको भावों के दैनिक व साप्ताहिक चार्ट से मिल सकते हैं। सपोर्ट व रेजिस्टेंस का स्तर यकीनन काम करता है। लेकिन सबसे अहम होता है कि डिमांड-सप्लाई का स्तर। इससे पता चलता है कि संस्थाएं व प्रोफेशनल ट्रेडरों की खरीद और बिकवाली कहां आ सकती है। अब मंगलवार की दृष्टि…
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