न कचरा, न एंटीक

पुरानी निर्जीव चीजें समय बीतने के साथ या तो कचरा बन जाती है या एंटीक बनकर सजावटी हो जाती हैं। लेकिन ज्ञान का सजीव प्रवाह धूमिल भले ही पड़ जाए, कभी कचरा या एंटीक नहीं बन सकता।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *