भारत को 2047 तक विकसित देश बनाना अब विशुद्ध जुमला बन गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि अभी तक सरकार ने इसका कोई ठोस रोडमैप नहीं पेश किया है। अब तो देश के बाहर ही नहीं, भीतर से भी सरकार की मंशा पर सवाल उठाए जाने लगे हैं। स्टार्टअप फंडिंग से जुड़ी प्रमुख कंपनी ट्रेमिस कैपिटल के सह-संस्थापक पुष्कर सिंह का कहना है कि 2024 में भारत की अर्थव्यवस्था 3.93 ट्रिलियन डॉलर की थी, जबकि चीन की अर्थव्यवस्था 18.53 ट्रिलियन डॉलर की। भारत की अर्थव्यवस्था 2050 में उस स्तर तक पहुंचेगी, जहां चीन की अर्थव्यवस्था 2025 में है। यकीनन 2050 का भारत आज के चीन से बहुत भिन्न होगा। फिर भी हमारे पास चीन जैसी साफ हवा और नदियां नहीं होंगी। चीन ने 20 सालों में अपनी हवा को जैसा साफ बना लिया, वैसा हम 25 साल बाद भी नहीं कर पाएंगे क्योंकि हमारे विकास की प्राथमिकता में यह शामिल ही नहीं है। भारत की प्रति व्यक्ति आय 2050 में 2025 के चीन के बराबर हो जाएगी। मगर हम चीन की तरह दुनिया की फैक्टरी और मैन्यूफैक्चरिंग का पावरहाउस नहीं बन पाएंगे। हमारे शहर तब भी अव्यवस्थित और गंदे रह जाएंगे। पुष्कर सिंह की बात की तस्दीक देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के बिजनेस केंद्र बांद्रा कुरला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) के दोनों तरफ बदबू मारती गंधाती मीठी नदी कर देती है। अब गुरुवार की दशा-दिशा…
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