मॉरीशस ने पहली बार भारत को बताए करचोर के खाते

मॉरीशस ने बैंकिंग सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए बढ़ते ‘दबाव’ के बीच भारत को पहली बार कर चोरी की जांच में घिरे एक व्यक्ति के बैंक खातों में हुए लेनदेन की जानकारी उपलब्ध कराई हैं। आयकर विभाग इस व्यक्ति के खिलाफ कर चोरी व मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच कर रहा है।

सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘उन्होंने (मॉरीशस के अधिकारियों ने) एक व्यक्ति से जुड़ी सूचना उपलब्ध कराई है। इस व्यक्ति ने वहां से भारत में धन भेजा है। इस मामले की जांच आयकर विभाग कर रहा है।” हालांकि अधिकारी ने इस संबंध में और ब्यौरा उपलब्ध कराने से इनकार किया, लेकिन उनका कहना था, ‘‘कर चोरों के खिलाफ सबूत एकत्र करने और कर चोरी की पनाहगाह बने देशों से बेहिसाब धन वापस लाने के प्रयास में यह एक यह बड़ी उपलब्धि है।’’

अधिकारी ने कहा, ‘‘भारत सरकार द्वारा मॉरीशस पर काफी दबाव डाला गया और अंततः उन्होंने आवश्यक सूचना उपलब्ध कराई। यह पहली बार है कि हम उनसे सूचना हासिल करने में समर्थ रहे हैं।’’ देश के दूरसंचार और रीयल एस्टेट जैसे क्षेत्रों में निवेश के लिए मॉरीशस से आ रहे वेंचर कैपिटल फंडों की संख्या जिस तेजी से बढ़ी है, उसे देखते हुए भारतीय एजेंसियों ने इसकी निगरानी बढ़ा दी है।

अप्रैल, 2000 से देश में कुल 130 अरब डॉलर मूल्य के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में मॉरीशस का योगदान करीब 42 फीसदी या 54.22 अरब डॉलर रहा है। भारत मॉरीशस के साथ दोहरा कराधान बचाव संधि (Double Taxation Avoidance Agreement – DTAA) में संशोधन के लिए भी उससे बातचीत कर रहा है ताकि दोनों देशों के बीच सूचनाओं का आदान-प्रदान बढ़ सके।

वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कल, मंगलवार को ही कहा था कि सरकार डीटीएए में ऐसा अनुच्छेद डालने पर विचार कर रही है ताकि बैंकिंग संबंधी जानकारियां हासिल की जा सकें। अभी डीटीएए पर हस्ताक्षर करनेवाले देश बैंक खातों से जुड़ी जानकारियां आपस में नहीं बांटते। सरकार इसके साथ ही कर-चोरी की पनाहगार बने देशों से साथ टैक्स इनफॉरमेशन एक्सचेंज एग्रीमेंट (टीआईईए) करने की भी पहल कर रही है।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) चाहता है कि मॉरीशस के साथ कर-संधि में तब्दीली की जाए ताकि वहां से ज्यादा जानकारियां मिल सकें। बता दें कि भारत अभी तक 41 देशों के साथ हुई डीटीएए में संशोधन कर चुका है और उनके साथ कर संबंधी सूचनाओं के आदान-प्रदान की संधि, टीआईईए पर दस्तखत कर चुका है।

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