सलमान खुर्शीद ने माना – आईपीएल की कई टीमों ने तोड़ा है कंपनी कानून

कॉरपोरेट कार्य मंत्री सलमान खुर्शीद से अप्रैल में जब पूछा गया था कि आईपीएल की फ्रेंचाइची टीमों पर लगे आरोपों के खिलाफ उनका मंत्रालय खुद पहल कर कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा तो उन्होंने पलटकर सवाल किया था कि उनके मंत्रालय से स्वतः कार्रवाई क्यों की जानी चाहिए। लेकिन अब खुर्शीद ने संसद में स्वीकार किया है कि आईपीएल की कई टीमों ने कंपनी कानून का उल्लंघन किया है और रजिस्ट्रार ऑफ कम्पनीज से उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने को कहा गया है।

सलमान खुर्शीद ने सोमवार को राज्यसभा में लिखित उत्तर में कहा कि प्रारंभिक जांच व रिपोर्टों से पता चला है कि आईपीएल की टीमों ने स्वामित्व के मामले में कंपनी अधिनियम 1956 के कुछ प्रावधानों का पालन नहीं किया है। बता दें कि इसी साल 19 अप्रैल को मंत्री महोदय से इस बाबत जब पत्रकारों ने सवाल किया था तो उन्होंने डिस्क्लोजर नियमों का हवाला देते हुए कहा था, “यहां हर काम के लिए रेगुलेटर हैं। यदि वे हमारे पास कुछ भेजते हैं, तो हम उस पर विचार करेंगे। हम सिर्फ फाइलिंग और उसकी उचित तारीख देखेंगे।” उन्होंने यह भी कहा था कि, “यदि इस मामले में कोई गड़बड़ी है तो रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज इसका फैसला करेंगे, क्योंकि कंपनियों पर निगरानी रखने की उन्हीं की जिम्मेदारी है। यह उनके अधिकार क्षेत्र में है।”

जाहिर है कि खुर्शीद अपने तत्कालीन मंत्रिमंडलीय सहयोग शशि थरूर को बचाने की कोशिश में लगे थे। उस वक्त पुणे और कोच्चि की टीमों की नीलामी 3235 करोड़ रुपए की भारी-भरकम रकम में हुई थी। कोच्चि की टीम में (पूर्व) केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री शशि थरूर की महिला मित्र सुनंदा पुष्कर को मुफ्त में शेयर (स्वेट इक्विटी) देने की बात उजागर हुई थी। अब थरूर मंत्रिमंडल से निपट चुके हैं और कुछ दिन पहले ही सुनंदा पुष्कर ने मुफ्त के शेयर लौटा दिए हैं।

बता दें कि वित्त मंत्रालय की चार एजेंसियां आईपीएल विवाद की जांच कर रही हैं और इसका समन्वय सेंट्रल इकोनॉमिक इंटेलिजेंस ब्यूरो कर रहा है। बाकी तीन एजेंसियां हैं – डायरेक्ट्रेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस, डायरेक्ट्रेट ऑफ इनफोर्समेंट ऑन फॉरेन एक्सचेंज ऑफेंसेज और डायरेक्ट्रेट ऑफ इनकम टैक्स इनवेस्टिगेशन। वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक उनकी सबसे बड़ी चिंता यह है कि कहीं विदेश का काला धन तो देश में नहीं लाया गया। इसके अलावा ये भी देखा जा रहा है कि आईपीएल व उसकी फ्रेंचाइजी टीमों ने कहीं टैक्स से जुड़े कानूनों का उल्लंघन तो नहीं किया है।

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