हमारा ध्येय शेयर बाज़ार में न्यूनतम रिस्क में अधिकतम कमाना होना चाहिए। तेज़ी के मौजूदा दौर में रिस्क-रिवॉर्ड अनुपात काफी घट गया है। भले ही बजट में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स लगा दिया गया हो। मगर बेहतर होगा कि ऐसे में ट्रेडिंग रोककर दो-तीन साल के लंबे निवेश का रुख कर लें। फिर भी अगर ट्रेडिंग करनी है तो उन कंपनियों में करें जिनके स्टॉक्स फंडामेंटल मजबूती के बावजूद दबे पड़े हैं। अब शुक्र का अभ्यास…
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'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं।
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