मॉरगन स्टैनली रिसर्च का अनुमान है कि भारत तीन साल बाद 2027 में ही जापान व जर्मनी को पीछे छोड़ दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। साथ ही साल भर के भीतर बीएसई सेंसेक्स 82,000 अंक के पार जा सकता है। यह एक विदेशी ब्रोकरेज़ फर्म की सदिच्छा या मार्केटिंग पैंतरा है। हो सकता है कि ऐसा हो भी जाए। लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था अंदर से तब मजबूत होगी, जब उसकी बुनियाद सत्यनिष्ठा व ईमानदारी पर खड़ी होगी, न कि हवाबाज़ी और झांकी पर। हाल ही हमारे वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि चालू वित्त वर्ष 2024-25 में देश का निर्यात 800 अरब डॉलर को पार कर जाएगा। यह निर्यात बीते वित्त वर्ष 2023-24 में 778.2 अरब डॉलर रहा है। कमाल है कि दोबारा इन मंत्रालयों का जिम्मा संभालने के बाद भी गोयल 2.8% से ज्यादा वृद्धि का दम नहीं भर पा रहे हैं। दिक्कत यह है कि भारत को अपने शीर्ष के दस व्यापार पार्टनरों में से नौ के साथ व्यापार घाटा झेलना पड़ा है। भारत ने इन्हें जितना निर्यात किया, उनसे उससे कहीं ज्यादा आयात किया। इन नौ देशों में चीन, रूस, कोरिया, इंडोनेशिया, इराक, सिंगापुर, हांगकांग, संयुक्त अरब अमीरात व सऊदी अरब शामिल हैं। अब मंगलवार की दृष्टि…
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