हलक में अटके सवाल, बजट दे जवाब!

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बजट में रोते रुपए और बिलखती अर्थव्यवस्था से जुड़े बहुत सारे सवालों का जवाब देना होगा। वे बताएं कि 1991 में शुरू आर्थिक उदारीकरण के 34 साल बाद भी निजी क्षेत्र हाथ पर हाथ रखकर क्यों बैठा है और विदेशी निवेश 12 साल के न्यूनतम स्तर पर क्यों आ गया है? देश के विकास का दारोमदार अब भी सरकार के रहमोकरम पर क्यों टिका है? वित्त मंत्री यह भी बताएं कि उनकी सरकार पर विकास को बढ़ाने के बजाय आम लोगों से ज्यादा से ज्यादा टैक्स खींचने की पिनक क्यों सवार है? सरकार आखिर क्यों नहीं बताती कि देश के 100 सबसे अमीर लोग कुल कितना इनकम टैक्स देते हैं? बात पारदर्शिता की तो कैसी परदादारी? वे बताएं कि देश में सब कुछ अच्छा है और अमृतकाल चल रहा है तो पिछले दस साल में 16 लाख भारतीयों ने अपनी नागरिकता क्यों छोड़ दी? आखिर यह सिलसिला थम क्यों नहीं रहा और गरीब ही नहीं, अमीर लोग भी बेहतर अवसरों की तलाश में देश छोड़कर क्यों भाग रहे हैं? मैन्यूक्चरिंग क्षेत्र का योगदान जीडीपी में कृषि से भी कम 12% पर क्यों अटका पड़ा है, जबकि इसी साल 2025 में इसे 25% पर पहुंचाने का दम दस साल पहले भरा गया था। जब देश में रोज़ी-रोजगार के मौके ही नहीं बढ़ेंगे तो दुनिया की सबसे तेज़ गति से बढ़ती अर्थव्यवस्था का न अचार बन सकता है, न ही मुरब्बा। अब पेशकश बजट आने से पहले की…

यह कॉलम सब्सक्राइब करनेवाले पाठकों के लिए है.
'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं। इस कॉलम को पूरा पढ़ने के लिए आपको यह सेवा सब्सक्राइब करनी होगी। सब्सक्राइब करने से पहले शर्तें और प्लान व भुगतान के तरीके पढ़ लें। या, सीधे यहां जाइए।
अगर आप मौजूदा सब्सक्राइबर हैं तो यहां लॉगिन करें...

Existing Users Log In
   
New User Registration
Please indicate that you agree to the Terms of Service *
captcha
*Required field