वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने बैंकिंग गोपनीयता को समाप्त करने और ट्रांसफर प्राइसिंग के दुरूपयोग या परस्पर सम्बद्ध फर्मों के बीच अंतराष्ट्रीय सौंदों के बिलों में घपलेबाजी को रोकने के लिए सभी देशों के बीच सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया है। वित्त मंत्री का आरोप है कि बैंकों की गोपनीयता और सौदों में भुगतान के बिलों में हेराफेरी कर के विकासशील देशों के दुर्लभ प्राकृतिक संसाधनों को लूटा जा रहा है।
मुखर्जी ने राजधानी दिल्ली में सोमवार को वित्त मंत्रालय और विकसित औद्योगिक देशों के मंच, आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) द्वारा अंतरराष्ट्रीय कराधान पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए इस बात पर क्षोभ जताया कि बहुत से देशों और कर-मुक्त क्षेत्रों में बैंकिंग व्यवसाय रहस्यों की छाया में घिरा है।
वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘वैश्विक स्तर पर हुए प्रयासों और जी-20 के नेताओं द्वारा अप्रैल, 2009 में लंदन शिखर सम्मेलन में जारी वक्तव्य के बावजूद हम भरोसे के साथ यह नहीं कह सकते हैं कि सभी जगह हर मामले में बैंक गोपनीयता खत्म हो चुकी है।’’
उन्होंने कहा कि विभिन्न देशों ने आमतौर पर बैंकिंग क्षेत्र से गोपनीयता समाप्त करने की सहमति दी है। लेकिन उनका यह भी कहना है कि वे भविष्य में किसी तारीख से इसे लागू करेंगे और वे बैंकिंग सूचनाओं के आदान प्रदान के लिए तैयार नहीं हैं।