केन्द्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) ने चालू वित्त वर्ष 2011-12 में आर्थिक वृद्धि दर के निराशाजनक अग्रिम अनुमान व्यक्त किए हैं। मंगलवार को जारी अग्रिम अनुमानों के मुताबिक बार जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) 6.9 फीसदी ही बढ़ेगा, जबकि बीते वित्त वर्ष में यह 8.4 फीसदी बढ़ा था। इस बार कृषि क्षेत्र की विकास दर 2.5 फीसदी रहेगी, जबकि पिछले साल यह 7 फीसदी थी। मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र के इस बार 3.9 फीसदी बढ़ने का अनुमान है, जबकि पिछले साल यह 7.6 फीसदी बढ़ा था। हां, व्यापार, परिवहन व संचार जैसे सेवा क्षेत्र में इस बार 11.2 फीसदी वृद्धि की उम्मीद है, जबकि पिछले साल यह 11.1 फीसदी बढ़ा था।
वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने सीएसओ के अग्रिम अनुमान पर प्रतिक्रिया जताते हुए कहा जीडीपी की विकास दर में गिरावट का मुख्य कारण औद्योगिक वृद्धि, विशेष रूप से निवेश वृद्धि का घटना है। खनन क्षेत्र के साथ-साथ निर्माण क्षेत्र में गिरावट ने भी आर्थिक विकास को पीछे खींचा है।
वित्त मंत्री ने कहा कि हालांकि जीडीपी के अग्रिम आकलन के आंकड़े हमारी हाल में हुई वृद्धि के अनुभवों के मुकाबले निराशाजनक हैं। फिर भी वर्तमान वैश्विक संदर्भ और विशेष रूप से घरेलू औद्योगिक क्षेत्र में गिरावट को देखते हुए ये आंकड़े चौंकाने वाले नहीं है। उन्होंने दावा किया कि जब वर्ष 2011-12 के सभी आंकड़े उपलब्ध हो जाएंगे तो उन्हें जीडीपी की विकास दर में सुधार होने की आशा है।
गौरतलब है कि सीएसओ के अग्रिम अनुमान के मुताबिक चालू वित्त वर्ष 2011-12 में स्थिर मूल्यों पर जीडीपी 52,22,027 करोड़ रुपए और सामान्य दर पर 82,79,976 करोड़ रुपए होने का आकलन है। बीते वित्त वर्ष 2010-11 में स्थिर मूल्यों पर देश का जीडीपी 48,85,954 करोड़ रुपए और सामान्य दर पर 71,57,412 करोड़ रुपए रहा था।