शीर्ष रेटिंग व रिसर्च एजेंसी क्रिसिल का आकलन है कि इस साल हमारा निर्यात बहुत हुआ तो 2-4% ही बढ़ सकता है क्योंकि हमारे निर्यात के दो सबसे ठिकानों – अमेरिका व यूरोप की विकास दर क्रमशः 2% से घटकर 1.4% और 3.5% से घटकर 0.7% रह जाने का अंदेशा है। ऐसे में हमारी अर्थव्यवस्था कैसे ज्यादा बढ़ सकती है? बीते वित्त वर्ष 2022-23 की विकास दर का अगला अनुमान 31 मई को आना है। यह दर 7% भी रही तो अभी चल रहे वित्त वर्ष 2023-24 में इसके घटकर 6.5% रह जाने का अनुमान खुद रिजर्व बैंक ने लगाया है। अगले साल 2024-25 में तो इसके घटकर 6.3% रह जाने का अंदेशा आईएमएफ ने जताया है। फिर किस आधार पर य़ह अफ़साना गढ़ा जा रहा है कि हमारी अर्थव्यवस्था बहुत तेज़ी से विकास करती रही है और आगे भी करती रहेगी? जो सचमुच सामने प्रत्यक्ष दिख रहा है, उससे यह कहीं से सच नहीं लगता। अब मंगलवार की दृष्टि…
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