निफ्टी अगर 20,000 तक पहुंच गया तो उसके बाद वह नई-नई ऊंचाई बनाता रहेगा या उसमें करेक्शन आ सकता है? अभी अपने यहां जो माहौल है तो वो तेज़ी का है। लेकिन उसकी सतह पर सावधानी और डर का भाव भी कहीं न कहीं तैर रहा है। अमेरिका से लेकर ब्रिटेन, यूरोप व जापान तक अर्थव्यवस्था में मंदी छाने की आहट है। सितंबर तिमाही में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जापान अपनी मुद्रा येन की कमज़ोरी और 40 साल की अधिकतम मुद्रास्फीति की मार से 1.2% सिकुड़ गई है। अपने यहां डॉलर 82 रुपए के आसपास है तो यूरो 85 रुपए पर पहुंचने को आतुर है। वैश्विक मंदी की आहट और रुपए की कमज़ोरी ने भारतीय कॉरपोरेट जगत को भी अंदर से भयभीत कर रखा है। अब मंगलवार की दृष्टि…
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