बेंजामिन ग्राहम शेयर बाज़ार में निवेश के पितामह हैं। 1949 में छपी उनकी किताब ‘इंटेलिजेंट इनवेस्टर’ निवेश की समझ का मूलाधार है। संभावनामय कंपनियों के शेयर तब खरीदो, जब कोई उन्हें पूछ नहीं रहा हो। फिर इंतजार करो और अंततः वे शेयर आपके लिए दौलत का ढेर लगा देंगे। वॉरेन बफेट से चार्ली मुंगेर तक इसी रास्ते पर चलकर दुनिया के सबसे अमीर लोगों में शुमार हो गए। लेकिन क्या निवेश की यह शैली अब भी कारगर है? 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के बाद अमेरिका से लेकर यूरोप व जापान तक ने जिस तरह नोट छापकर सस्से धन की बाढ़ ला दी और वो धन भारत जैसे देशों में बढ़ते हुए शेयरों को चढ़ाने लगा, उससे ‘मूल्य’ तेल लेने चला गया और ‘दिखावा’ बल्लियों उछलने लगा। अब तथास्तु में आज की कंपनी…
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