आइशर मोटर्स का दस रुपए अंकित मूल्य का शेयर 4 मई 2011 को बीएसई में 1119 रुपए की तलहटी पर था। ठीक 11 महीने बाद पिछले हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन, 4 अप्रैल 2012 को 2210 रुपए की चोटी पर जा पहुंचा। इसी दौरान एनएसई में यह 1114 रुपए से 2214 रुपए तक पहुंचा है।. न्यूनतम से उच्चतम के बीच करीब-करीब दोगुना फासला! 11 महीने में 98 फीसदी का रिटर्न!! यह है शेयर बाजार में निवेश की महत्ता। सबसे कम पर खरीदने और बड़े ज्यादा पर बेचने का लाभ। ध्यान दें, आइशर मोटर्स कोई स्मॉल कैप कंपनी नहीं है कि छिछला पानी अचानक उछल गया हो।
आइशर मोटर्स ए ग्रुप में शामिल लार्ज कैप कंपनी है। बीते हफ्ते उसका शेयर बीएसई (कोड – 505200) में 2182.85 रुपए और एनएसई (कोड – EICHERMOT) में 2192.45 रुपए पर बंद हुआ है। उसका बाजार पूंजीकरण 5917 करोड़ रुपए का है, जबकि फ्री फ्लोट 2650 करोड़ रुपए का है। कारण, कंपनी की 26.99 करोड़ रुपए की इक्विटी में प्रवर्तकों की हिस्सेदारी 55.21 फीसदी और पब्लिक की हिस्सेदारी 44.79 फीसदी है। पब्लिक की यही हिस्सेदारी कंपनी के फ्री फ्लोट का निर्धारण करती है।
कंपनी ने अपनी शुरुआत 1959 में ट्रैक्टर बनाने से की थी। लेकिन अब वो देश में बस व ट्रक जैसे व्यावसायिक वाहनों की तीसरी सबसे बड़ी निर्माता बन चुकी है। साथ ही बुलेट या रॉयल इनफील्ड की मशहूर मोटरसाइकिलें भी बना रही है जो पुराने जमाने के दबंग लोगों के बाद अब नए जमाने के दुस्साहसी नौजवानों की पसंद बन चुकी है। साल 2005 में वह अपना ट्रैक्टर बिजनेस चेन्नई के टैफे समूह को बेच चुकी है।
आइशर मोटर्स का धंधा बड़ा चौकस चल रहा है। उसका वित्त वर्ष कैलेंडर वर्ष के हिसाब से चलता है जनवरी से दिसंबर तक। अभी दिसंबर 2011 में बीते साल में उसकी कुल परिचालन आय 29.28 फीसदी बढ़कर 5716 करोड़ रुपए और शुद्ध लाभ 63.44 फीसदी बढ़कर 308.77 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। अकेली दिसंबर तिमाही की बात करें तो उसकी समेकित बिक्री 26.77 फीसदी बढ़कर 1577 करोड़ और शुद्ध लाभ 54.55 फीसदी बढ़कर 85 करोड़ रुपए हो गया। कंपनी ने बीते साल के लिए दस रुपए पर 16 रुपए (160 रुपए) का लाभांश देने की घोषणा की है। हालांकि शेयर का भाव 2000 रुपए से ऊपर होने के कारण लाभांश यील्ड 0.73 फीसदी ही निकलता है।
पिछली पांच तिमाहियों में कंपनी की आय औसतन 32 फीसदी और परिचालन लाभ 81 फीसदी की दर से बढ़ा है। पिछले तीन सालों की बात करें तो उसकी आय 48.99 फीसदी और लाभ 85.16 फीसदी की सालाना चक्रवृद्धि दर से बढ़ा है। उसका इक्विटी पर 25.3 फीसदी और नियोजित पूंजी पर रिटर्न 22.5 फीसदी है। इस मायने में वह टाटा मोटर्स, अशोक लेलैंड, फोर्स मोटर्स और एसएमएल इसुज़ु से बेहतर स्थिति में है। उसका ऋण इक्विटी अनुपात मात्र 0.03 फीसदी है जो देश की सभी व्यावसायिक वाहन निर्माता कंपनियों में सबसे कम है।
लेकिन सवाल उठता है कि क्या इस वक्त आइशर मोटर्स में निवेश करना सही होगा? कतई नहीं। समेकित नतीजों के आधार पर साल 2011 में उसका ईपीएस (प्रति शेयर लाभ) 104.43 रुपए है। इस तरह उसका शेयर अभी 20.88 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है, जबकि टाटा मोटर्स इस समय 8.58 और अशोक लेलैंड 13.71 के पी/ई अनुपात ट्रेड हो रहा है। स्टैंड एलोन नतीजों के आधार पर आइशर मोटर्स का सालाना ईपीएस 46.2 रुपए है। यानी, उसका शेयर 47.25 के पी/ई पर ट्रेड हो रहा है। शेयर की बुक वैल्यू मात्र 200.09 रुपए है। जाहिर है कि आइशर मोटर्स को इस वक्त बाजार ने कुछ ज्यादा ही सिर चढ़ा रखा है। इसलिए फिलहाल उसके पीछे भागने की जरूरत नहीं है। हां, घटकर 1200-1300 रुपए की रेंज में आ जाए तो जरूर इस पर दांव लगाया जा सकता है।