शेयरों के भाव बढ़ते हैं क्योंकि धन उनका पीछा करता है। धन उनका पीछा किसी खबर या अनुमान की वजह से करता है। इस चक्र में खबर की खास अहमियत है। लेकिन शेयर बाज़ार में कोई खबर सार्वजनिक रूप से ही सबके लिए बाहर आती है। अप्रकाशित या अघोषित खबर पर ट्रेडिंग करना इनसाइडर ट्रेडिंग हैं और ऐसा करना दंडनीय अपराध है। लेकिन अपने यहां खुद कंपनी प्रवर्तक ही अपने शेयरों में खेल करते और करवाते हैं। ऊपर से अपना निगरानी व कानूनी सिस्टम भी इतना लचर है कि उन्हें पकड़ पाना बेहद मुश्किल है। इसलिए तय मानिए कि शेयर बाज़ार में भाव हमेशा खबरों के आगे होते है, पीछे नहीं और उन्हें पचाकर चलते हैं। लेकिन रिटेल ट्रेडर के लिए खबरों को पहले से पकड़ पाना नितांत असंभव है। अब शुक्रवार का अभ्यास…
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