विकास का इतना छोटा, स्वार्थी व बेहद सकीर्ण नज़रिया आखिर खुद के राष्ट्रवादी होने का डंका पीटनेवाली किसी पार्टी और सरकार का कैसे हो सकता है? लेकिन हकीकत यही है कि मोदी सरकार के पिछले 11 साल में मुठ्ठी भर कॉरपोरेट घरानों का धंधा, मुनाफा व साम्राज्य दिन दूना, रात चौगुना की रफ्तार से बढ़ा है। मगर, देश का व्यापक मजदूर, किसान, अवाम व मध्यवर्ग ही नहीं, उनके उपभोग पर टिका कॉरपोरेट क्षेत्र भी अब त्राहिमाम करऔरऔर भी