शेयर बाज़ार और शेयरों के भाव धन के प्रवाह से चलते हैं। धन का प्रवाह लोगों के पास ज़रूरत के ऊपर इफरात धन से बनता है। इफरात धन खत्म तो शेयर बाज़ार भी खत्म। अब चूंकि वित्तीय जगत ग्लोबल हो गया है तो बेहतर रिटर्न की तलाश में दुनिया भर के लोगों का इफरात धन अच्छे अवसरों की खाक छानता फिरता है। ताज़ा उदाहरण है विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) का। जब तक उन्हें लगा कि उनका धनऔरऔर भी