आंकड़े गवाह हैं कि पिछले सात साल में सड़क पर आ गए नौजवानों की संख्या लगातार बढ़ती गई है। इसी का एक हिस्सा दंगाई या उन्मादी भीड़ बन जा रहा है। ऊपर से कोई राजनीतिक संगठन इन्हें दिन के 200-250 से लेकर 500 रुपए दे दे तो करैला नीम चढ़ा की स्थिति बन जाती है। लेकिन यह देश के आर्थिक विकास के लिए बेहद घातक स्थिति है। यह हमारी युवा शक्ति को, हमारी डेमोग्राफी की ताकत कोऔरऔर भी