जानकार बोलते हैं कि कोरोना के डेल्टा वैरिएंट के समय शेयर बाज़ार ज्यादा नहीं गिरा था। इस बार भी हो सकता है कि ओमिक्रॉन का ज़ोर का झटका धीरे से लगकर निकल जाए। लेकिन जिस तरह से अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ने की कगार पर हैं और मुद्रास्फीति दुनिया के तमाम देशों में गम्भीर समस्या बनती जा रही है, वैसे में शेयर बाज़ार इन वजहों से भी धराशाई हो सकता है। तब उभरते देशों से विदेशी निवेशकऔरऔर भी