सारे विदेशी निवेश का चरित्र आज संदिग्ध हो गया है। आईएमएफ के एक ताज़ा अध्ययन के मुताबिक साल 2017 में दुनिया में 15 लाख करोड़ डॉलर या 38% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश फैंटम या छलिया पूंजी के रूप में आया था। यह रकम उस साल चीन व जर्मनी के संयुक्त जीडीपी के बराबर है। इस छलिया पूंजी का 85% से अधिक हिस्सा मॉरीशस, लक्ज़मबर्ग, सिंगापुर, नीदरलैंड व स्विटज़रलैंड जैसे दस देशों से आया था। अब गुरु की दशा-दिशा…औरऔर भी

पूंजी बाज़ार नियामक संस्था, सेबी के मुताबिक 31 अगस्त 2019 तक देश में 9416 विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक सक्रिय हैं। इन्हें FPI या FII भी कहा जाता है। इनके पास अगस्त में निवेश की खातिर 31.98 लाख करोड़ रुपए थे जिसका 86% यानी 27.52 लाख करोड़ रुपए इक्विटी या शेयरों के लिए था। इसमें सबसे ज्यादा धन अमेरिका और उसके बाद फर्जी धन के गढ़ कहे जानेवाले मॉरीशस, लक्ज़मबर्ग व सिंगापुर से आया है। अब मंगल की दृष्टि…और भीऔर भी