कबीर का दोहा है: प्रेम न बाड़ी ऊपजै, प्रेम हाट बिकाय; राजा परजा जेहि रूचै, सीस देइ लै जाय। काम का हरेक ज्ञान इसी तरह मिलता है। यही ट्रेडिंग में भी कामयाबी का सूत्र है। अगर खुद का सिस्टम नहीं पकड़ा तो महंगी से महंगी सेवा तक ट्रेडिंग से कमाई नहीं करवा सकती। अनुभवी लोग इसकी तस्दीक करेंगे। मैंने हाल में इसे आपकी तरफ से आजमाकर देखा और नतीजा वही जाना-पहचाना। अब परखते हैं सोमवार का व्योम…औरऔर भी

शेयर बाजार से कमाना अस्थिर मन के लोगों के वश की बात नहीं। इसके लिए साधक जैसा शांत मन चाहिए। जिस तरह पहले साधकों का ध्यान भंग करने के लिए रम्भा व मेनका जैसी अप्सराएं भेजी जाती थीं, उसी तरह इस समय निवेशकों को ध्यान भंग करने के लिए राकेश झुनझुनवाला जैसे नाम उछाले जाते हैं। ऐसे नामों की बेवसाइटों से निवेशकों को छला जाता है। इनके झांसे में ना आएं। अब तथास्तु में आज की कंपनी…औरऔर भी

शेयर बाज़ार में लोग-बाग बढ़ने के साथ-साथ गिरने पर भी कमाते हैं। लेकिन गिरने पर कमाने के लिए बड़ी पूंजी और रिस्क लेने का बड़ा माद्दा चाहिए। ऐसे सौदे डेरिवेटिव (एफ एंड ओ) सेगमेंट में ही हो सकते हैं, जहां न्यूनतम लॉट पांच लाख रुपए का है। मार्जिन में भले इसकी 5-10% रकम लगे, लेकिन एक लॉट में ही आप पांच लाख रुपए डुबाने का रिस्क उठाते हो। क्या इतना माद्दा है आपका? अब शुक्रवार का अभ्यास…औरऔर भी

बारिश के मौसम में हर तरफ हरी-हरी घास उग आती है तो लालच में पड़कर कुछ गाय-भैंस दसियों जगह मुंह मारती फिरती हैं। लेकिन यह पशु-व्यवहार शेयर बाज़ार की ट्रेडिंग में लगे इंसानों को शोभा नहीं देता। बहुत हुआ तो आप 20-25 स्टॉक छांट लें जिनमें लंबा, मध्यम व छोटा ट्रेन्ड बढ़ने का चल रहा हो। धैर्य से उन पर नज़र रखें और रिट्रेसमेंट पर खरीदें, चढ़ने पर बेचकर मुनाफा कमा लें। अब पकड़ें गुरुवार की दशा-दिशा…औरऔर भी