यह सच्चाई जानकर भारत के हर देशभक्त का कलेजा चाक हो जाएगा कि हमारी बेरोज़गार आबादी का लगभग 83% हिस्सा युवाओं का है। यह वे नौजवान युवक व युवतियां हैं जिन्हें भारत का डेमोग्राफिक डिविडेंड कहा जाता है और जिसके दम पर भारत के बहुत तेज़ी से लम्बे समय तक विकास करते रहने की भविष्यवाणी की गई थी। अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) और मानव विकास संस्थान (आईएचडी) द्वारा बीते मंगलवार को जारी ‘भारत रोज़गार रिपोर्ट 2024’ में कहा गया है कि भारत के युवा बेरोज़गारों में सेकेंडरी से इससे ज्यादा पढ़े लोगों का हिस्सा साल 2000 से 2022 के बीच 35.2% से छलांग लगाकर 65.7% हो गया है। यह रिपोर्ट खुद भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन ने जारी की थी। हालांकि रिपोर्ट जारी करने के फौरन बाद उन्होंने कहा कि यह मानना गलत है कि सरकार बेरोज़गारी जैसे सभी सामाजिक व आर्थिक समस्याएं हल कर सकती है। उन्होंने कहा, “डाग्नोसिस आसान है, समाधान नहीं। हर मंच पर चढ़कर यह बोलने का कोई फायदा नहीं कि हमें बेरोज़गारी की समस्या सुलझानी होगी क्योंकि यह कोई चीज़ नहीं जिसे मैं सुलझा सकता हूं।” फिर सरकार किस काम की? अब बुधवार की बुद्धि…
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