चीजों को कायदे से देखने-समझने के लिए उनसे ऊपर उठना जरूरी है। मगर धरती पर रहते हुए उससे ऊपर कैसे उठें? संसार में रहते हुए उससे निर्लिप्त कैसे हों? वैसे ही जैसे दही को मथो और मक्खन ऊपर।
2012-03-07
चीजों को कायदे से देखने-समझने के लिए उनसे ऊपर उठना जरूरी है। मगर धरती पर रहते हुए उससे ऊपर कैसे उठें? संसार में रहते हुए उससे निर्लिप्त कैसे हों? वैसे ही जैसे दही को मथो और मक्खन ऊपर।
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