अभी रिलायंस समूह के दोनों धड़ों में 23 मई को नो-कम्पीट करार के खात्मे की घोषणा को महीने भर भी नहीं बीते हैं कि मुकेश अंबानी ने बड़े पैमाने पर दूरसंचार सेवाओं में उतरने का एलान कर दिया। शुरुआत ब्रॉडबैंड सेवाओं से होगी। मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने देश के 22 सर्किलों में ब्रॉडबैंड वायरलेस एक्सेस (बीडब्ल्यूए) स्पेक्ट्रम लाइसेंस जीतनेवाली इकलौती कंपनी इनफोटेल ब्रॉडबैंड की 95 फीसदी इक्विटी खरीदकर उसे अपनी सब्सिडियरी बना लिया है।औरऔर भी

केंद्रीय कैबिनेट ने कोल इंडिया और हिंदुस्तान कॉपर के विनिवेश का फैसला टाल लिया है। इसकी मुख्य वजह राजनीतिक सहमति न बन पाना बताया जा रहा है। खासकर, रेल मंत्री ममता बनर्जी कोल इंडिया के विनिवेश का विरोध कर रही हैं। गुरुवार को कैबिनेट की बैठक के बाद खान मंत्री बी के हांडिक ने मीडिया को यह जानकारी दी। लेकिन उन्होंने विनिवेश का फैसला टालने की कोई वजह अपनी तरफ से नहीं बताई। बता दें कि जहांऔरऔर भी

अर्धसत्य, चक्र, अपहरण, आघात और हजार चौरासी की मां जैसी चर्चित फिल्मों के जानेमाने प्रोड्यूसर मनमोहन शेट्टी पर पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी ने एडलैब्स के शेयरों में इनसाइडर ट्रेडिंग के लिए एक करोड़ रुपए का जुर्माना लगा दिया है। मामला अप्रैल 2006 का है जब मनमोहन शेट्टी ही एडलैब्स के मालिक व प्रबंध निदेशक निदेशक थे। इसके बाद साल 2005 में अनिल धीरूभाई अबानी समूह एडलैब्स को खरीद चुका है और अब इसका नाम रिलायंस मीडियावर्क्सऔरऔर भी

वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीए या इरडा) द्वारा हाल में उठाए गए तमाम कदमों की तारीफ की है और भरोसा जताया है कि यूलिप (यूनिट लिंक्ड इंश्योरेस पॉलिसी) पर उठे विवाद को जल्द ही सुलझाया लिया जाएगा। वित्त मंत्री मंगलवार को मुंबई के बांद्रा कुरला कॉम्प्लेक्स में भारतीय बीमा संस्थान (आईआईआई) के नए परिसर के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे। बता दें कि यूलिप के निवेश के हिस्से पर नियंत्रणऔरऔर भी

दो-तीन दिसंबर 1984 की रात को भोपाल में यूनियन कार्बाइड फैक्टरी में जहरीली गैस मिथाइल आइसोसाइनेट के रिसाव के कारण मरे करीब 20,000 लोगों और पीढी दर पीढ़ी विकलांगता झेलते कई लाख लोगों को आखिरकार ‘न्याय’ मिल गया। इसके लिए केशब महिंद्रा समेत आठ लोगों को दोषी ठहरा दिया गया है। इसमें से एक की मौत हो चुकी है। बाकी बचे साल लोगों को दो साल की सजा सुनाई गई है और इन पर एक-एक लाख रुपएऔरऔर भी

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती या टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) के सर्टिफिकेट से लेकर उसके जमा करने के तरीके और निर्धारित तारीखों में बदलाव कर दिया है। ये बदलाव चालू वित्त वर्ष की शुरुआत यानी 1 अप्रैल 2010 के बाद से लागू किए गए हैं। एक अहम बदलाव तो यह है कि पहले जहां वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में काटे गए टीडीएस का रिटर्न 15 जून तक देना होता था,औरऔर भी

कोई आपसे पूछे कि भारतीय अर्थव्यवस्था कितनी बड़ी है तो आप बेझिझक बता सकते हैं कि यह अभी 44,64,081 करोड़ रुपए की है, वह भी तब जब इसमें से 2004-05 के बाद की मुद्रास्फीति या महंगाई के असर को निकाल दिया गया है। अगर सारा कुछ आज की कीमत के हिसाब से बोलें तो हमारी अर्थव्यवस्था का आकार 58,68,331 करोड़ रुपए का है। लेकिन हम महंगाई के असर को जोड़कर नहीं, हटाकर ही बात करते हैं क्योंकिऔरऔर भी

हमारी दो-तिहाई खेती अब भी मानसून आधारित है। मौसम और मानसून खराब हुआ तो इन इलाकों की सारी फसल चौपट हो जाती है, किसान बरबाद हो जाते हैं। सरकार ने कहने को राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (एनएआईएस) चला रखी है। मौसम आधारित फसल बीमा योजना (डब्ल्यूबीसीआईएस) भी है। इसके लिए मौसम के सही आंकड़ों का होना जरूरी है। लेकिन अभी स्थिति यह है कि देश में कुल 14.10 लाख हेक्टेयर जमीन में खेती की जाती है, जबकिऔरऔर भी

अप्रैल माह के अंत तक देश में मोबाइल फोनधारकों की संख्या 60.12 करोड़ हो गई है। टीआरएआई (टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया) के अनुसार अप्रैल में 1.69 करोड़ नए मोबाइल कनेक्शन लिए गए हैं। इस तरह मोबाइल फोनधारकों की संख्या मार्च 2010 के 58.43 करोड़ से 2.89 फीसदी बढ़ गई है। उधर प्रधानमंत्री के विशेष सलाहकार और ज्ञान आयोग के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने शुक्रवार को नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में कहा कि दो सालऔरऔर भी

सरकार द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक खाद्य पदार्थों की मुद्रास्फीति दर 15 मई को खत्म हफ्ते में 16.23 फीसदी रही है। इससे ठीक पहले के हफ्ते में यह 16. 49 फीसदी थी। इस गिरावट की मुख्य वजह मसूर, फल व सब्जियों के थोक भाव में आई कमी है। जहां मसूर के भाव में 4 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई, वहीं फल व सब्जियों के भाव में 2 फीसदी और अनाज व दाल की कीमत मेंऔरऔर भी