वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीए या इरडा) द्वारा हाल में उठाए गए तमाम कदमों की तारीफ की है और भरोसा जताया है कि यूलिप (यूनिट लिंक्ड इंश्योरेस पॉलिसी) पर उठे विवाद को जल्द ही सुलझाया लिया जाएगा। वित्त मंत्री मंगलवार को मुंबई के बांद्रा कुरला कॉम्प्लेक्स में भारतीय बीमा संस्थान (आईआईआई) के नए परिसर के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे। बता दें कि यूलिप के निवेश के हिस्से पर नियंत्रण को लेकर इरडा और पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी में अप्रैल से ही खींचतान मची हुई है। मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच चुका है जहां इसकी अगली सुनवाई 8 जुलाई को है।
वित्त मंत्री ने कहा कि यूलिप के संचालन के बारे में इरडा ने कुछ बहुत सकारात्मक कदम उठाए हैं जो बीमा उद्योग और पॉलिसीधारकों, दोनों के हित में हैं। शुल्क पर अधिकतम सीमा बांधना, पॉलिसी (प्रीमियम देने) की न्यूनतम अवधि बढ़ाकर पांच साल करना, पेंशन पॉलिसियों में अनिवार्य वार्षिकी की शर्त और सरेंडर शुल्क की अधिकतम सीमा तय करना यूलिप उत्पादों में सुधार की दिशा में उठाए गए कुछ जरूरी कदम हैं।
उन्होंने कहा कि इस समय बीमा उद्योग के पास 11 लाख करोड़ रुपए के फंड हैं जिनसे केंद्र व राज्य सरकारों को उधार जुटाने में मदद मिलती है। साथ ही सार्वजनिक व निजी क्षेत्र की कंपनियों को भी पूंजी सहयोग मिल जाता है। बीमा को निजी क्षेत्र के लिए खोले जाने के बाद इसमें जबरदस्त विकास हुआ है। जीवन बीमा उद्योग ने 2000-01 में 34,898 करोड़ रुपए का प्रीमियम जुटाया था, जबकि 2008-09 में यह रकम 2,23,556 करोड़ रुपए हो गई। हालांकि सामान्य या गैर-जीवन बीमा में अब तक अपेक्षाकृत कम वृद्धि हुई है। उसने 2000-01 में 9806.95 करोड़ रुपए का प्रीमियम जुटाया था, जो 2008-09 में 30,601.20 करोड़ रुपए तक ही पहुंचा है।
वित्त मंत्री ने इसके साथ ही देश में बीमा की सीमित पहुंच को बड़ी चुनौती बताया। उन्होने कहा कि बीमा की पहुंच 1996 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की 1.8 फीसदी थी। यह 2009 में 4.6 फीसदी तक ही हो पाई है। इसकी वजह लोगों में बीमा उत्पादों के प्रति जागरूकता का अभाव है। अवाम में जागरूकता फैलाना बीमा उद्योग के लिए बड़ी चुनौती है। बीमा उद्योग को नई तकनीक का भी व्यापक उपभोग करना होगा। जिस तरह से हर क्षेत्र में ई-कॉमर्स बढ़ रहा है, उसे देखते हुए आगे बैंकिंग व बीमा उत्पादों को भी इंटरनेट के जरिए बेचने का सिलसिला गति पकड़ेगा।
प्रणब दा ने अलग से पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि पेट्रोल-डीजल के मूल्यों पर मंत्रियों की अगली बैठक कब होगी, इसका फैसला गुरुवार (10 जून) को कैबिनेट की बैठक में किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि जिस तरह यूरोप में ऋण संकट चल रहा है, उससे हमारे शेयर बाजारों पर थोड़ा-बहुत असर तो पड़ेगा ही। लेकिन हमें घबराहट फैलाने से बचना होगा।