प्याज निर्यात पर पाबंदी लगाने के पाकिस्तान के कदम के जवाब में अमृतसर स्थित सब्जी निर्यातकों ने शुक्रवार को टमाटर व अन्य सब्जियों से लदे ट्रक अटारी-वाघा सीमा से पाकिस्तान भेजने से इनकार कर दिया। टमाटर, अदरक, मिर्च समेत सब्जियों से लदे करीब 70 ट्रकों को सब्जी निर्यातकों द्वारा रोक लिया गया है और इन्हें सीमा शुल्क से मंजूरी के लिए नहीं भेजा गया। अमृतसर के सब्जी व्यापारी अनिल मेहरा ने समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट को बताया,औरऔर भी

पाकिस्तान ने वाघा-अटारी सड़क-मार्ग से भारत को प्याज के निर्यात पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। उसके इस कदम से प्याज की कीमतों पर नियंत्रण के भारत सरकार के प्रयासों को झटका लग सकता है। सीमा शुल्क विभाग (अमृतसर) के उपायुक्त आर के दुग्गल ने गुरुवार को बताया, “पाकिस्तान सरकार ने सड़क के रास्ते से भारत को प्याज की आपूर्ति प्रतिबंधित कर दी है।” इस प्रतिबंध के बाद पाकिस्तान के अधिकारियों ने किसी भी ट्रक को प्याजऔरऔर भी

प्याज की आसमान छूती कीमतों से निजात दिलाने के एक उपाय के तौर पर पाकिस्तान से प्याज आयात करने का अनुबंध किया गया है। आयात की पहली खेप सात जनवरी तक दिल्ली पहुंच जाने की उम्मीद है। पाकिस्तान से प्याज का आयात वाणिज्य एवं उद्योग मंडल के तहत सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी पीईसी और राज्य व्यापार निगम (एसटीसी) के जरिये मंगाया जा रहा है। सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए कहा कि प्याज आयात की वास्तविक मात्राऔरऔर भी

वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी का कहना है कि प्याज की कीमतें अब नीचे आने लगी हैं और सरकार की ओर से किए जा रहे उपायों से जल्दी ही स्थिति नियंत्रण में होगी। उल्लेखनीय है कि प्याज के भाव करीब एक हफ्ते से आसमान छू रहे हैं। प्याज का मसला राजनीतिक रूप से इतना संवेदनशील है कि वित्त मंत्री बराबर इस पर सफाई देते फिर रहे हैं। राजधानी दिल्ली में तो श्री मुखर्जी ने बराबर मीडिया को इसऔरऔर भी

लगता है प्याज की बढ़ती कीमतों के राजनीतिक असर से सरकार परेशान हो गई है। इसिलए प्याज की आसमान छूती कीमतों को नीचे लाने के लिए वह खटाखट कदम उठा रही है। पहले निर्यात पर बंदिश लगाने के बाद सरकार ने अब प्याज आयात पर सीमा शुल्क समाप्त कर दिया है। पिछले कुछ दिनों में प्याज की कीमत 80 से 85 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गयी है। इसमें कमी लाने के इरादे से सरकार ने प्याजऔरऔर भी

प्याज की कीमतों में अचानक आए उछाल से चिंतित सरकार ने इसके निर्यात पर तत्काल प्रभाव से 15 जनवरी तक प्रतिबंध लगा दिया है। राजधानी दिल्ली के खुदरा बाजारों में इस समय प्याज 60 से 70 रुपए प्रति किलो के भाव बिक रहा है। नियमन एजेंसी नाफेड को निर्देश दिया गया है कि वह निर्यातकों को निर्यात की मंजूरी देना फिलहाल रोक दे। जिन निर्यातकों को नाफेड और 12 अन्य एजेंसियों से अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) मिल चुकाऔरऔर भी

रबी फसलों की बुवाई कहीं नमी की कमी से तो कहीं हाल की बारिश से बुरी तरह प्रभावित हुई है। इसी के चलते अभी तक रबी सीजन की बुवाई पिछले साल के मुकाबले अभी तक आधी भी नहीं हो पाई है। सबसे चिंताजनक स्थिति गेहूं बुवाई की है। इसका रकबा पिछले साल के मुकाबले सर्वाधिक 30 लाख हेक्टेयर तक पीछे है। बुवाई में विलंब होने से गेहूं की उत्पादकता पर विपरीत असर पडऩे का खतरा है। इसेऔरऔर भी

भारत सरीखे उतार-चढ़ाव भरे मौसम वाले देश में, जहां के नागरिकों का सबसे पुराना पेशा कृषि है, फसल बीमा खेती-किसानी के लिए बड़ा कारगर है। इसे किसानों का संकटमोचक कहा जा सकता है। भारतीय बीमा कंपनियों ने इसे इतना सरल कर दिया है कि एक खास कंपनी से खाद खरीदने वाला किसान खुद-ब-खुद बीमाधारक बन जाता है। किसानों के लिए उपयोगी: ध्यान रहे कि अगर उचित प्रचार-प्रसार किया जाए तो फसल बीमा से देश के सबसे पुरानेऔरऔर भी

इस समय देश में विभिन्न जगहों पर 25 किसान कॉल सेंटर चल रहे हैं। कृषि मंत्रालय के अंतर्गत आनेवाले कृषि व सहकारिता विभाग (डीएसी) ने इस सेवा की शुरुआत जनवरी 2004 में की थी। इसका मकसद किसानों की समस्याओं का समाधान उनकी अपनी भाषा में करना है। इन कॉल सेंटरों में अक्टूबर 2010 तक 55.75 लाख कॉल आ चुकी हैं। वैसे, हैदराबाद के एडमिस्ट्रेटिव स्टॉफ कॉलेज की एक सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक इन कॉल सेंटरों से संपर्कऔरऔर भी

देश में 53% कुओं के जलस्तर में गिरावट दर्ज की गई है। जलस्तर में इस गिरावट का आकलन मई 2001 से मई 2010 के दौरान देश के 15,640 कुओं से लिए गए भू-जल स्तर संबंधी आंकड़ों के विश्लेषण के आधार पर किया गया है। आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उड़ीसा, पंजाब, तमिलनाडु, त्रिपुरा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और केंद्रशासित क्षेत्रों चंडीगढ़ व पुदुचेरी के कुछऔरऔर भी