आईएफबी की दोनों कंपनियां लकदक

ऐसी कंपनी जिसका नाम हो, लेकिन वह बदनाम न हो, उसके शेयरों में निवेश करना हमेशा सुरक्षित व लाभकारी होता है। आईएफबी इंडस्ट्रीज ने ऐसा ही नाम कमा रखा है, खासकर ऑटोमेटिक वॉशिंग मशीन में। वैसे, वह इसके अलावा भी कई उत्पाद बनाती है। उसकी छवि ऐसी बनी है जैसे वो कोई विदेशी कंपनी हो, जबकि हकीकत में वो एकदम देशी कंपनी है। हालांकि 1974 में उसकी शुरुआत स्विटजरलैंड की कंपनी हीनरिच श्मिड एजी के सहयोग से इंडियन फाइन ब्लैंक्स लिमिटेड के नाम से शुरू हुई थी। लेकिन अब उसकी 36.22 करोड़ रुपए की इक्विटी का 71.56 फीसदी हिस्सा पूरी तरह भारतीय प्रवर्तकों के पास है।

कंपनी का 10 रुपए अंकित मूल्य का शेयर (बीएसई – 505726, एनएसई – IFBIND) अभी 145 रुपए पर चल रहा है। उसका ठीक पिछले बारह महीनों का ईपीएस (प्रति शेयर लाभ) 16.48 रुपए है। इस तरह उसका शेयर फिलहाल 8.79 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है। पिछले साल भर क दौरान उसका पी/ई अनुपात 13.46 तक जा चुका है। इसलिए बढ़त की गुंजाइश इसमें भरपूर है।

कंपनी 30 मई 2011 के पहले वित्त वर्ष 2010-11 के अंकेक्षित नतीजे घोषित कर देगी। 2009-10 में कंपनी ने 556.87 करोड़ रुपए की आय पर 53.76 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया था, जबकि इससे पिछले साल 2008-09 में उसकी आय 503.75 करोड़ रुपए और शुद्ध लाभ 315.07 करोड़ रुपए था। शुद्ध लाभ के इस आंकड़े पर चौंकिए मत, क्योंकि इसमें से 278 करोड़ असामान्य मद के थे। इसे हटा दें तो शुद्ध लाभ 36.99 करोड़ रुपए ही बनता है।

बीते वित्त वर्ष 2010-11 में दिसंबर 2010 तक के नौ महीनों में कंपनी ने 512.48 करोड़ रुपए की आय पर 36.71 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया है। जून तिमाही में उसका शुद्ध लाभ 5.71 फीसदी घटा था। उसके बाद सितंबर में 28.13 फीसदी और दिसंबर तिमाही में 18.98 फीसदी बढ़ा है। पूरे वित्त वर्ष में शुद्ध लाभ में कम से कम 20 फीसदी वृद्धि का अनुमान है। कंपनी के उत्पादों व इतिहास-भूगोल के बारे में आप उसकी वेबसाइट से जानकारी हासिल कर सकते हैं। मुझे तो यह कंपनी एकदम फिटफाट लगती है।

कोलकाता के इसी समूह की एक और कंपनी है आईएफबी एग्रो इंडस्ट्रीज। वह मुख्यतः अनाज से शराब बनाती है और समुद्री खाद्य पदार्थों का निर्यात करती है। साथ ही घरेलू बाजार में भी बेचती है। वित्त वर्ष 2009-10 में 293.39 करोड़ रुपए के धंधे पर 4.42 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया था। बीते वित्त वर्ष 2010-11 में दिसंबर तक के नौ महीनों में ही वह 346.97 करोड़ रुपए की आय पर 11.29 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमा चुकी है। स्पष्ट है कि पूरे वित्त वर्ष के नतीजे तुलनात्मक रूप से जबरदस्त होंगे। शुद्ध लाभ तो अभी तक ही लगभग 200 फीसदी बढ़ चुका है।

कंपनी का 10 रुपए अंकित मूल्य का शेयर (बीएसई – 507438, एनएसई – IFBAGRO) अभी 79 रुपए के आसपास चल रहा है, जबकि इसकी बुक वैल्यू ही 85.94 रुपए है। कंपनी का ठीक पिछले बारह महीनों का ईपीएस 13.58 रुपए है तो पी/ई अनुपात निकलता है मात्र 5.76। इसका पी/ई अनुपात पिछले साल मई में 24.41 तक जा चुका है। इसलिए इसमें भी बढ़त की काफी गुंजाइश है। पिछले 52 हफ्ते का इसका उच्चतम स्तर 120.70 रुपए (5 मई 2010) और न्यूनतम स्तर 53.25 रुपए (8 फरवरी 2011) का है।

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