शरीर है पहले

शिव है तो शक्ति है। धरती है तो गुरुत्वाकर्षण है। शरीर है तो मन है। मन को निर्मल रखना है तो पहले शरीर को सहज व शुद्ध रखना जरूरी है। बाद में मन भी शरीर को साधने में मदद करता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *