इन्नोवेन्टिव पर दांव है बड़ों-बड़ों का

हमें इस बात को लेकर कोई भ्रम नहीं होना चाहिए कि सेल मार्केटिंग की एक बाजीगरी है जिसके चलिए उपभोक्ताओं की मानसिकता को भुनाया जाता है। शेयर बाजार में भी हर साल इस तरह की ‘क्लियरेंस’ सेल तीन बार लगती है, जिसमें बेचनेवाले अपना माल निकालते हैं। पहली बजट के आसपास, दूसरी दीवाली पर और तीसरी नई साल की शुरुआत पर। सेल में लोगबाग टूटकर भाग लेते हैं। जब उन्हें कोई रोक नहीं सकता तो आपको कोई कैसे रोक सकता है। हम तो बस इतना कह सकते हैं कि सेल में माल थोड़ा ज्यादा ही देख-परख कर, ठोंक बजाकर लेना चाहिए।

आगे बढ़ने से पहले एक छोटा-सा उदाहरण देना चाहता हूं। बजट के अगले दिन देश के सबसे बड़े आर्थिक अखबार ने रामा फॉस्फेट्स को खरीदने की सलाह दी है। यह शेयर (बीएसई – 524037) बजट के दिन 4.62 फीसदी बढ़कर 45.25 रुपए पर बंद हुआ है। लेकिन करीब उन्नीस महीने पहले भी दस रुपए अंकित मूल्य के इस शेयर पर सर्किट पे सर्किट लग रहा था और उसके बावजूद यह 47.40 रुपए तक पहुंचा था। उसके बाद यह 27 अप्रैल 2011 तक फूलकर 81.70 रुपए पर जा पहुंचा। लेकिन वापस फिर से मूषक बन गया है। इस बीच 20 दिसंबर 2011 को 37.10 रुपए की तलहटी पकड़ चुका है। फिर भी आप इस बहुत कम चलनेवाले मूषक पर दांव लगाना चाहते हैं तो लगा ही सकते हैं। लेकिन मेरा कहना है कि कहीं भी निवेश करने से पहले कंपनी के इतिहास, भूगोल और वर्तमान के प्रति पूरी तसल्ली कर लें। सेल की मानसिकता का शिकार होने से बचें।

आज की हमारी कंपनी है इन्नोवेन्टिव इंडस्ट्रीज। यह ज्यादा पुरानी नहीं, 1991 में बनी कंपनी है। पहले इसका नाम अरिहंत डोमेस्टिक एप्लाएंसेज हुआ करता था। चंदू चव्हाण के नेतृत्व में मौजूदा प्रबंधन ने दस साल पहले साल 2002 में इसका अधिग्रहण किया और नया नाम रख दिया। यह भांति-भांति के इंजीनियरिंग उत्पाद बनाती है। उसकी छह उत्पादन इकाइयां पुणे और सिलवासा में हैं। इसकी तीन डिवीजन हैं – ट्यूब, शीट व ऑटो उत्पाद। कंपनी घरेलू बाजार के अलावा कम से कम दस अन्य देशों को अपना माल बेचती है। देश में उसके प्रमुख ग्राहकों में बजाज ऑटो, बीएचईएल, गैब्रिएल इंडिया व एल्सथम प्रोजेक्ट्स शामिल हैं।

इसका आईपीओ पिछले साल अप्रैल में आया था जिसके अंतर्गत इसके दस रुपए अंकित मूल्य के शेयर 117 रुपए पर जारी किए गए थे। फिलहाल शुक्रवार, 16 मार्च 2012 को यह बीएसई (कोड – 533402) में 106.50 रुपए और एनएसई (कोड – INNOIND) में 107.05 रुपए पर बंद हुआ है। यह शेयर मई 2011 में लिस्टिंग के दौरान 114.85 रुपए तक ऊपर गया था। उसके बाद अभी पिछले महीने 21 फरवरी 2011 को 117.35 रुपए तक चला गया जो पिछले 52 हफ्ते का इसका उच्चतम स्तर है। इसका अब तक का न्यूनतम स्तर 76.05 रुपए का है जो इसने 16 दिसंबर 2011 को हासिल किया था।

जानकार मानते हैं कि इस कंपनी में दम है और इसमें लंबे समय का दांव लगाया जा सकता है। वह मुख्य रूप से प्रेसिजन ट्यूब बनाने के धंधे में है। इसमें वह कोल्ड पिल्जरिंग की ऐसी प्रक्रिया अपनाती है जिससे बिजली और श्रम दोनों की बचत होती है। नतीजतन कंपनी के उत्पाद बाजार में औरों से सस्ते पड़ते हैं। बीते वित्त वर्ष 2010-11 में उसने 593.46 करोड़ रुपए की बिक्री पर 56.55 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया था और उसका परिचालन लाभ मार्जिन (ओपीएम) 24.19 फीसदी था। इस साल दिसंबर 2011 में खत्म तिमाही में उसकी बिक्री 15.97 फीसदी बढ़कर 159.07 करोड़ रुपए और शुद्ध लाभ 43.26 फीसदी बढ़कर 17.22 करोड़ रुपए हो गया, जबकि उसका ओपीएम 26.57 फीसदी पर पहुंच गया। दिसंबर 2011 तक के बारह महीनों में उसका प्रति शेयर लाभ (ईपीएस) 10.71 रुपए है और उसका शेयर फिलहाल 9.94 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है।

इस स्तर पर इसमें निवेश फलदायी हो सकता है। कारण, एक तो यह अपने इश्यू मूल्य से नीचे चल रहा है। दूसरे, कंपनी के बढ़ने का ग्राफ मजबूती का संकेत दे रहा है। एडेलवाइस के आंकड़ों के अनुसार, कंपनी का नियोजित पूंजी पर रिटर्न 31.11 फीसदी और नेटवर्थ पर रिटर्न 47.43 फीसदी है। इसमें किया गया निवेश चार-पांच साल में दोगुना हो सकता है। यह किसी जादू के चलते नहीं, बल्कि कंपनी के कामकाज व मुनाफे के बढ़ने के चलते हो जाना चाहिए।

फिलहाल कंपनी की 59.64 करोड़ रुपए की इक्विटी में प्रवर्तकों की हिस्सेदारी 45.20 फीसदी है। दिसंबर तिमाही में ही एफआईआई ने कंपनी में अपनी हिस्सेदारी 4.39 फीसदी से बढ़ाकर 8.81 फीसदी है। घरेलू संस्थाओं के पास इसके 16.74 फीसदी शेयर हैं। कंपनी के कुल शेयरधारकों की संख्या मात्र 8215 है। इसमें से 7898 यानी 96.14 फीसदी एक लाख से कम लगानेवाले छोटे निवेशक हैं जिनके पास कंपनी के महज 6.38 फीसदी शेयर हैं। कंपनी में प्रवर्तकों से भिन्न नौ बड़े शेयरधारकों के पास उसके 40.99 फीसदी शेयर हैं। जाहिर है कि बड़ों-बड़ों ने दांव लगा रखा है इन्नोवेन्टिव इंडस्ट्रीज पर। कंपनी ठीकठाक लाभांश देती है। सितंबर 2011 में उसने प्रति शेयर दो रुपए यानी 20 फीसदी का लाभांश दिया है। बाकी तो आप खुद समझदार हैं और आपको निवेश में हमेशा समझदारी का ही परिचय देना चाहिए।

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