गणनाओं से परे

ज़िंदगी का असली मूल्य महज गणनाओं में नहीं, बल्कि यह जानने व पता लगाने में है कि असली चीजें क्या हैं और कैसे काम करती हैं। दुनिया हमें धकेलती है हिसाब-किताब लगाने की तरफ। लेकिन असली चीजें हिसाब-किताब से बहुत परे होती हैं, बंधु!

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