इंट्रा-डे ट्रेडिंग के कुछ नियम-धर्म हैं जिनका पालन ज़रूरी है। पहला, उन्हीं स्टॉक्स में ट्रेड करें जिनमें अच्छा-खासा कारोबार होता है। व्यावहारिक मतलब यह कि निफ्टी-50, निफ्टी नेक्स्ट-50 या निफ्टी-100 जैसे सूचकांकों में शामिल स्टॉक्स में ही ट्रेड करें। दूसरा, कभी भी बाज़ार से पंगा न लें। उसके रुख से उल्टा चलने का दुस्साहस न करें। बाज़ार कमज़ोरी के संकेत दे रहा है तो कभी भी खरीद के सौदे न करें और सामर्थ्य हो तो शॉर्ट करें। बाज़ार के रुझान के बाद अगला पहलू यह देखें कि किसी उद्योग या सेवा क्षेत्र का क्या रुझान है। उसी दिशा में चल रहे स्टॉक्स का सौदा करें। इस तरह बाज़ार व क्षेत्र के रुख के माफिक स्टॉक्स चुनने के तरीके को टॉप-डाउन अप्रोच कहा जाता है। इससे आपको इंट्रा-डे ट्रेडिंग के लिए सबसे अच्छे स्टॉक्स मिल सकते हैं। अब गुरुवार की दशा-दिशा…
यह कॉलम सब्सक्राइब करनेवाले पाठकों के लिए है.
'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं।
इस कॉलम को पूरा पढ़ने के लिए आपको यह सेवा सब्सक्राइब करनी होगी। सब्सक्राइब करने से पहले शर्तें और प्लान व भुगतान के तरीके पढ़ लें। या, सीधे यहां जाइए।
अगर आप मौजूदा सब्सक्राइबर हैं तो यहां लॉगिन करें...