सुप्रीम कोर्ट ने सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज के मामले में प्राइस वॉटरहाउस कूपर्स (पीडब्ल्यूसी) के पार्टनक एस. गोपालकृष्णन और सत्यम के आंतरिक ऑडिटर वी एस प्रभाकर गुप्ता को मिली जमानत गुरुवार को निरस्त कर दी और उन्हें 30 अप्रैल तक आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया। सत्मय के ऐतिहासिक घोटाले में खातों में कई हजार करोड़ की गड़बड़ी इन्हीं ऑडिटरों के रहते छिपाई गई थी।
न्यायमूर्ति पी. सतशिवम और न्यायमूर्ति बी.एस. चौहान की पीठ ने गोपालकृष्णन और गुप्ता की जमानत रद्द कर दी और उन्हें 30 अप्रैल तक आत्म समर्पण करने का निर्देश दिया। आत्मसमर्पण नहीं करने पर केंद्रीय जांच एजेंसी, सीबीआई उन्हें गिरफ्तार करने के लिए कदम उठाएगी।
सुप्रीम कोर्ट को ने कहा कि सीबीआई द्वारा दाखिल चार्जशीट में लगाए गए आरोपों को देखने के बाद वह आरोपियों की जमानत रद्द कर रहा है। अदालत ने 18 अप्रैल को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। न्यायालय द्वारा यह आदेश सीबीआई की उस याचिका पर सुनवाई के बाद पारित किया गया जिसमें सीबीआई ने गोपालकृष्णन और गुप्ता को दी गई जमानत रद्द करने की अपील की थी।