केंद्र सरकार ने लोकपाल विधेयक का मसौदा तैयार करने के लिए जागरूक नागरिकों और मंत्रियों की दस सदस्यीय समिति गठित करने की अधिसूचना जारी कर दी है। शनिवार को बाकायदा राजपत्र में इसे अधिसूचित कर देने के बाद देश के दूसरे गांधी बन चुके सामाजिक कार्यकर्ता अण्णा हजारे ने मंगलवार से जारी अपना आमरण अनशन तोड़ दिया।
राजधानी दिल्ली में जंतर मंतर पर 73 वर्षीय हजारे ने अपने हजारों उत्साही समर्थकों के बीच सरकार की ओर से अधिसूचना जारी करने को जनता की जीत करार देते हुए चेतावनी दी कि अगर 15 अगस्त तक लोकपाल विधेयक पास नहीं किया जाता है तो वह तिरंगा लेकर एक बार फिर आंदोलन शुरू करेंगे।
भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जारी आमरण अनशन के पांचवें दिन सुबह 10.45 बजे एक छोटी बच्ची के हाथों नींबू पानी पीकर अनशन तोड़ने के बाद हजारे ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘यह मेरे लिए सबसे बड़ा दिन है। यह लोगों की जीत है लेकिन अभी सही आजादी प्राप्त करने के मार्ग में लम्बा रास्ता तय करना है।’’
भ्रष्टाचार की बुराई का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘देश के लिए लोग कितने एकजुट हैं, यह दिखाई दिया है। भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव के इंकलाब जिंदाबाद के नारे का असर एक बार फिर दिखाई दिया। उस समय उन्होंने गोरे अंग्रेजों की नींद उड़ाई थी, आज आपने काले अंग्रेजों की नींद उड़ाई है।’’ उन्होंने कहा कि देश के सामने अभी कई प्रश्न है लेकिन सभी विषयों को एक साथ नहीं लिया जा सकता है। इन प्रश्नों को एक-एक कर के लेना होगा।
आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए एक संगठन की जरूरत बताते हुए हजारे ने कहा, ‘‘मैं भ्रष्टाचार और देश की समस्याओं को लेकर पूरे देश में घूमता रहूंगा और पूरे देश को इसमें शामिल करूंगा।’’ सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश, मेधा पाटकरऔर किरन बेदी ने हजारे के नेतृत्व में हो रहे आंदोलन को गांधीवादी बताया है और काह है कि वे ‘आजादी की इस दूसरी लड़ाई’ को जारी रखेंगे।
बता दें कि अण्णा हजारे के अनशन के पक्ष में देश में व्यापक गोलबंदी हो जाने के कारण सरकार को लोकपाल विधेयक का प्रारूप तय करने के लिए दस सदस्यीय संयुक्त समिति बनानी पड़ी है। इसके पांच सदस्य जनता के बीच से और पांच सदस्य सरकार की तरफ से होंगे। समिति के दो अध्यक्ष होंगे। जनता की तरफ से पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण और सरकार की तरफ से वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी।
सरकार की तरफ से समिति के चार अन्य सदस्य हैं – मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल, गृह मंत्री पी चिदंबरम, कानून मंत्री वीरप्पा मोइली, और जल संसाधन मंत्री सलमान खुर्शीद। जागरूक नागरिकों की तरफ से समिति में अण्णा हजारे, आरटीआई कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल, जानमाने वकील प्रशांत भूषण और पूर्व जज व कर्नाटक के लोकायुक्त संतोष हेगड़े। संयुक्त समिति को लोकपाल विधेयक का नया प्रारूप 30 जून 2011 तक तैयार कर लेना है। इसके बाद मानसून सत्र में इसे संसद में पारित कराने के लिए पेश किया जाएगा।