पिछले 10-12 साल से देश में गुजरात के आदर्श मॉडल का हल्ला चल रहा है। लेकिन पिछले माह निकारागुआ के रास्ते अमेरिका भागने की जुगत में लगे 303 नौजवानों में से सबसे ज्यादा 65 युवा गुजरात के थे। इन्हीं में मेहसाणा के एक युवक का कहना था, “यहां तो केवल उन्हीं को सरकारी नौकरी मिलती है जो पैसा खिलाते हैं या जिनकी तगड़ी पहुंच है। प्राइवेट में कायदे का पैसा नहीं मिलता। इसलिए भारत में रहकर हमेशा जूझते रहने से बेहतर है कि कनाडा या अमेरिका में छोटे-मोटे काम करके भी अच्छा कमा लिया जाए।” यह उस गुजरात का एक युवक पूरी ईमानदारी से बोल रहा है, जिसके बारे में प्रधानमंत्री के नाम से बनी वेबसाइट पर अप्रैल 2014 में छपे लेख ‘गुजरात मॉडल’ में दावा किया गया था कि, “गुजरात की विकास यात्रा ने भारत भर में ही नहीं, समूचे विश्व में व्यापक प्रशंसा पाई है। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गुजरात विकासपरक सुशासन के लिए जाना जाता है जहां आम लोग विकास की यात्रा में सक्रिय पार्टनर और सहभागी हैं।” मगर उद्यमी संस्कृति से लबालब भरे गुजरात का नौजवान आज पलायन कर रहा है। सीधे-सीधे काम नहीं मिल सकता तो अवैध रूप से देश तक छोड़कर भाग रहा है। अब शुक्रवार का अभ्यास…
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