बड़ी-बड़ी बातें करने या लम्बी फेंकनेवाला यकीनन शेयर बाजार के निवेश में सफल नहीं होता। यहां वही सफल होता है जो जानता है कि वह शेयरों के भाव को प्रभावित करनेवाले सभी कारकों को नहीं जान सकता। दूसरे, वह यह भी जानता है कि जिस कंपनी में वो निवेश करने जा रहा है, उसका धंधा क्या है, उसमें कितना दम व संभावना है और कंपनी प्रबंधन ने अब तक इस धंधे में कितनी धाक जमायी है। बिजनेस अखबारों में जितना छपता या टीवी चैनलों पर दिखाया जाता है, वह एकदम अधूरा है। निवेशक को इससे आगे जाकर उद्यमी की नज़र से कंपनी को परखना होता है। देखना होता है कि कंपनी कहीं ऋण के बोझ तले तो नहीं दबी या उसके प्रवर्तकों से अपने शेयर गिरवी तो नहीं रखे हैं। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि बीएसई में लिस्टेड व सक्रिय 4766 कंपनियों में से 4314 कंपनियों के प्रवर्तकों ने अपने शेयर गिरवी रखे हुए हैं। इन गिरवी रखे शेयरों की रकम इस वक्त 1.90 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा है। अब तथास्तु में आज की कंपनी…
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