हम अलग, तुम अलग। हर जीव अलग, जंतु अलग। पर आकाश वही है, धरती वही है, सारी प्रकृति वही है। अणु वही, परमाणु वही है। फिर, कोई एक नियम भी तो होगा जिससे सारे नियम चलते होंगे!
2010-12-12
हम अलग, तुम अलग। हर जीव अलग, जंतु अलग। पर आकाश वही है, धरती वही है, सारी प्रकृति वही है। अणु वही, परमाणु वही है। फिर, कोई एक नियम भी तो होगा जिससे सारे नियम चलते होंगे!
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