प्रोफेशनल ट्रेडरों की जीविका ही नहीं, सारा ऐशो-आराम शेयर बाज़ार पर टिका है। वे बाज़ार के बढ़ने पर कमाते हैं और गिरने पर भी। अनिश्चितता को नाथना उन्हें बखूबी आता है। बाज़ार बढ़ता ही जा रहा है तो वे स्टॉक्स और सूचकांकों में लॉन्ग यानी खरीदने के सौदों से कमाते हैं। लेकिन इस वक्त दुनिया के साथ-साथ भारत में भी आशंका गहराती जा रही है कि शेयर बाज़ार का बुलबुला कभी भी फट सकता है। ऐसा हुआ तो रिटेल ट्रेडरों में भगदड़ मच जाएगी। अफरातफरी में सब डूब सकता है। लेकिन प्रोफेशनल ट्रेडर ऐसा होने पर शॉर्ट-सेलिंग से कमाने लगते हैं। आखिर शॉर्ट-सेलिंग करते कैसे हैं? अब सोमवार का व्योम…
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