जिस तरह युद्ध में कभी दोनों पक्ष नहीं जीतते, हमेशा एक पक्ष जीतता और दूसरा हारता है, उसी तरह शेयर बाज़ार में हमेशा एक की जीत और दूसरे की हार होती है। इसलिए मैदान में उतरी पैदल सेना को पता होना चाहिए कि उसका मुकाबला किन-किन महारथियों से है। रिटेल ट्रेडर को जानना ज़रूरी है कि उसका मुकाबला तीन प्रमुख संगठित शक्तियों या महारथियों से है। ये हैं विदेशी संस्थागत निवेशक या एफआईआई, देशी निवेशक संस्थाएं या डीआईआई (म्यूचुअल फंड, बीमा कंपनियां, बैंक, घरेलू वित्तीय संस्थान या डीएफआई व नई पेंशन स्कीम) और ब्रोकरों के प्रॉपराइटरी फर्में। अब सोमवार का व्योम…
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