बाजार ने शुरू में थोड़ी घबराहट दिखाई। लेकिन आखिर में बंद हुआ 18,000 के थोड़ा और करीब पहुंचकर। और, यह कोई असामान्य बात नहीं है। मेरे मुताबिक इसमें कोई दो राय नहीं है कि बाजार अब ज्यादा चुनौतीपूर्ण और जटिल हो चुका है। बाजार (बीएसई सेंसेक्स) 8000 अंक से 18,000 अंकों तक का लंबा फासला तय कर चुका है। इसलिए अगर आप सोचते हैं कि आप बाजार के धुरंधर हो गए हैं और अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं तो यकीनन आप गलत हैं। जब भी आप बहुत उछल रहे होते हैं, बाजार करेक्शन के मोड में चला जाता है। बाजार ने कारोबारियों को वित्तीय रूप से इस हाल में पहुंचा दिया है कि निफ्टी में 100 अंकों की गिरावट भी उनकी कमर तोड़ सकती है और उन्हें पुनर्मूषको भवो की स्थिति में ला पटकती है।
माकूल वक्त पर ऐसे स्टॉक चुनने के लिए उचित मार्गदर्शन की जरूरत होती है, जो अपेक्षाकृत सस्ते हों, जिनमें ज्यादा खरीद न हो रखी हो, जो बढ़ने की कुव्वत रखते हों और जो बुनियादी तौर पर मजबूत भी हों। यह सारा कुछ अनुभव से आता है और इसे हासिल करने के लिए आपको कुछ कीमत भी चुकानी पड़ती है।
अगर आप बड़े खेल में शामिल होना चाहते हैं तो पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सेवाओं (पीएमएस) का खर्च देना पड़ेगा। इसके जरिए आप ए ग्रुप के शेयरों पर दांव लगा सकते हैं। तब अमीर व्यक्तियों (एचएनआई) के साथ आप भी पीएमएस सेवाओं का मजा उठा सकते हैं। अगर ऐसा नहीं करते तो आपको रिसर्च रिपोर्टों पर खर्च करना पड़ेगा।
सीएनआई ने पूंजी बाजार में निवेशकों को शिक्षित करने के लिए नए अध्याय की शुरुआत की है। मेरा मानना है कि सेमिनार करना और कंटेंट बांटना अब अप्रासंगिक और समय से पीछे छूट गया तरीका बन गया है। अब तो वेब ताकतवर माध्यम बन गया है क्योंकि युवा पीढ़ी इस माध्यम पर फिदा हो चुकी है। आज तो ब्लॉग का जमाना है। इस दिशा में बढ़ते हुए हमने व्यापक पाठकों के हित में चक्री कमेंट को यहां मुफ्त में उपलब्ध कराना शुरू कर दिया है, जबकि मूलतः बाजार की नब्ज से जुडी यह जानकारी फीस लेकर उपलब्ध कराई जाती है।
इस समय बाजार में निवेश के अवसर हैं, लेकिन बी ग्रुप में। ए ग्रुप में ट्रेडिंग हमेशा खतरे से भरी रहती है। मैं देख चुका हूं कि ऐसी कंपनी, जो शुगर की सबसे अच्छी कंपनियों में शुमार है, जिस पर बाजार के नंबर-1 खिलाड़ी का नियंत्रण है, उसमें भी एक गलत कॉल शेयर कारोबारियों को कैसे मुसीबत में डाल देती है। वैसे, यह वक्त एसएमई सेक्टर के निवेश के लिए काफी माकूल है।
हमने सेसा गोवा में शॉर्ट कॉल दी थी और हमने अपनी सोच बदल ली और हमने घाटा ही सहा क्योंकि सेसा गोवा का विलय स्टरलाइट इंडस्ट्रीज के साथ होने जा रहा है। आईडीबीआई में 120 रुपए की कॉल अब तक 400 फीसदी रिटर्न दे चुकी है। असल में कॉल का काम ऐसा ही होना चाहिए। लोगों की आंखों से ओझल रहनेवाला शेयर इस्पात इंडस्ट्रीज बाजार के एजेंडे पर आ गया है। अब दूसरे लोग इस्पात में 22.50 रुपए पर खरीद की कॉल या सलाह दे रहे हैं।
वंदे मातरम्। छोटी चीजें हमेशा बड़ी प्यारी लगती हैं और उनकी मार भी बड़ी दूर तक होती है।
अज्ञानता से बड़ा कोई शत्रु नहीं होता और ज्ञान से बड़ी कोई नेमत नहीं होती।
(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है लेकिन फालतू के वैधानिक लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)