हिसाब बड़ा साफ है। अगर आप नौकरी से महीने में एक लाख रुपए की सैलरी हासिल कर रहे हैं तो शेयर बाज़ार की ट्रेडिंग या किसी अन्य बिजनेस से एक लाख कमाते हैं तब असल में माना जाएगा कि आपके उद्यम का तुलनात्मक ‘आर्थिक मूल्य’ शून्य हुआ, यानी आप पहले जैसी ही स्थिति में बने हुए हैं। अगर ट्रेडिंग से आप महीने में 40-50 हज़ार रुपए कमा लेते हैं (जो बुरी कमाई नहीं है), तब आप प्रतिमाह 50-60 हजार रुपए का घाटा उठा रहे हैं। नौकरी छोड़ शेयर बाज़ार में ट्रेडिंग करने का आपका फैसला तभी व्यावहारिक व तर्कसंगत माना जाएगा, जब आप ट्रेडिंग से महीने में एक लाख रुपए से ज्यादा कमा लेते हैं, वह भी अपनी पुरानी पूंजी डुबाए बगैर। क्या आप ऐसा कर पाने की स्थिति में हैं? अब शुक्रवार का अभ्यास…
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