दावा है कि भारत सरकार का ऋण स्तर दुनिया के तमाम देशों की तुलना में बेहद कम है। वित्त मंत्रालय का कहना है कि सरकार का कुल ऋण जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) का 86.9% है, जबकि अमेरिका का 125.6%, फ्रांस का 112.6%, कनाडा का 101.8%, ब्राज़ील का 91.9% और ब्रिटेन का 87.8% है। हालांकि इस साल के बजट दस्तावेज के मुताबिक मार्च 2022 तक भारत सरकार पर कुल देशी-विदेशी ऋण 135.88 लाख करोड़ रुपए का था, जबकि जीडीपी का ताज़ा अनुमान 147.36 लाख करोड़ रुपए का है। इस तरह भारत सरकार का कुल ऋण जीडीपी का 92.21% निकलता है। सरकार के आंक़ड़ों में अंतर। खैर, मसला सरकार पर चढ़े घरेलू या विदेशी ऋण का नहीं, बल्कि डॉलर के मुकाबले गिरते रुपए को संभालने का है। अब शुक्रवार का अभ्यास…
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