पंचायतों के सभी स्तरों पर महिलाओं का आरक्षण एक तिमाही से बढ़ाकर कम से कम 50 फीसदी कर दिया गया है। गुरुवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इसके लिए भारतीय संविधान में एक आधिकारिक संशोधन (110वां संशोधन) विधेयक, 2009 को पेश करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
संविधान (110वां संशोधन) विधेयक, 2009 को 26 नवंबर, 2009 को लोकसभा में पेश किया गया था। इस आधिकारिक संशोधन में ‘जनसंख्या’ शब्द से पहले ‘ग्रामीण’ शब्द जोड़ने का प्रस्ताव किया गया है और संविधान (110वें संशोधन) विधेयक, 2009 के पहले प्रावधान के खंड (2) (3) में समान रूप से शामिल किया गया है। यह प्रावधान अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जन-जातियों के लिए आरक्षित प्रत्यक्ष चुनाव द्वारा भरी गई कुल सीटों और अध्यक्षों के कार्यालयों पर लागू होगा।
फिलहाल पंचायतों की निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों की संख्या लगभग 28.18 लाख है जो कुल निर्वाचित प्रतिनिधियों का 36.87 फीसदी है। प्रस्तावित संवैधानिक संशोधन के साथ ही निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों की संख्या में 14 लाख से भी अधिक वृद्धि होने की संभावना है। अधिक संख्या में महिला प्रतिनिधियों के निर्वाचित होने से उन राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों की संपूर्ण जनसंख्या लाभान्वित होगी, जहां पंचायती राज्य का अस्तित्व है।