कच्चे तेल व सोने का आयात हमारी मजबूरी है। पर शेयर बाज़ार के लिए विदेशी निवेशकों (एफआईआई) पर भयंकर निर्भरता गलत है। हम भारतीय हर साल सारे खर्चों के बाद 400 अरब डॉलर बचाते हैं जिसका 10% ही 40 अरब डॉलर होता है। वहीं भारत में एफआईआई का अधिकतम निवेश अब तक 2010 में 29 अरब डॉलर रहा है। ज़रा सोचिए! सरकार भारतीयों की प्रतिनिधि है या विदेशियों की दलाल? अब बढ़ें सोम की साधना की ओर…
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