आखिर कौन-से ट्रेडर या निवेशक हैं जो इतना ज्यादा फूले बाज़ार में भी खरीदे जा रहे हैं? समझदार या स्मार्ट ट्रेडर व निवेशक तो ऐसा कर नहीं सकते। प्रोफेशनल ट्रेडरों से भी ऐसा उम्मीद नहीं की जा सकती। ये सभी न्यूनतम रिस्क में अधिकतम रिटर्न हासिल करना चाहते हैं। वे अधिकतम रिस्क में न्यूनतम रिटर्न का दांव नहीं लगा सकते क्योंकि ऐसा करने पर उनका वजूद, उनकी सारी ट्रेडिंग पूंजी ही डूब सकती है। देशी-विदेशी संस्थाएं और बैंक भी ऐसा जोखिम नहीं उठा सकते हैं क्योंकि उनके पास अपना नहीं, दूसरे का धन है, जिसके प्रति उनकी तगड़ी जवाबदेही व ज़िम्मेदारी बनती है। फिर वे पागल कौन हैं? अब मंगल की बुद्धि…
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